अगणित वीरों ने किया जब प्राणों का बलिदान तब जाकर भारत ने पाया अपना संविधान। अगणित वीरों ने किया जब प्राणों का बलिदान तब जाकर भारत ने पाया अपना संविधान।
सुनो ! चाय पियोगे ? कभी कभी चाय भी पीनी चाहिए ! सुनो ! चाय पियोगे ? कभी कभी चाय भी पीनी चाहिए !
जो अपनी हिम्मत हारी नहीं, संकल्प लिया अंतिम सांस तक। जो अपनी हिम्मत हारी नहीं, संकल्प लिया अंतिम सांस तक।
यह दो हज़ार तेरह की छब्बीस जनवरी है सुबह का रंग सर्द है और धूप का गुनगुना अमर जवान ज्योति पर यह दो हज़ार तेरह की छब्बीस जनवरी है सुबह का रंग सर्द है और धूप का गुनगुना अमर जवा...
वापसी पर वापसी पर
बाल होकर ये हमें अपने धर्म और देश पर मर मिटना हमें सिखाते है। बाल होकर ये हमें अपने धर्म और देश पर मर मिटना हमें सिखाते है।